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हाईकोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप से किया इंकार, सुप्रीम कोर्ट से हेमंत सोरेन को बड़ी राहत

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बड़ी राहत देते हुए मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED की याचिका खारिज कर दी. ED ने हाईकोर्ट की ओर से हेमंत सोरेन को दी गई जमानत को रद्द करने की मांग की थी. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि हाईकोर्ट ने हेमंत सोरेन को जमानत देते समय सही और तर्कसंगत फैसला सुनाया था.

ASG एसवी राजू ने आपत्ति जताई है कि PMLA की धारा 50 के तहत दर्ज बयानों पर हाईकोर्ट ने अविश्वास जताया है, उन्होंने कहा कि जमानत के लिए तो CRPC की धारा 161 के तहत बयान पर भी भरोसा किया जाता है. ASG ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश में बहुत खामियां हैं और उसे रद्द किया जाना चाहिए. लेकिन जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने हाईकोर्ट के फैसले को बिलकुल सही बताते हुए इसमें दखल देने से इनकार कर दिया है.

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन ने BJP और केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला. हेमंत सोरेन ने कहा कि उन्हें झूठे आरोपों में फंसाकर जेल की सलाखों के पीछे डाल दिया गया. उन्होंने कहा -‘मैं राज्य की संपत्ति लेकर घूम रहा हूं या फरार हो गया हूं, इसके लिए मुझे जेल के सलाखों के पीछे भी डाल दिया गया.’ उन्होंने कहा कि उनके परिवार पर कई तरह के आरोप लगाए गए और उनका कीमती समय बर्बाद किया गया.

बता दें कि हाईकोर्ट के सिंगल बेंच ने 28 जून को हेमंत सोरेन को कुछ शर्तों के साथ रेगुलर बेल दी थी. हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि यह पूरा मामला संभावनाओं पर आधारित है. इस केस में ED ने अब तक इस बात का कोई पक्का सबूत पेश नहीं किया है कि 8.86 एकड़ जमीन के कब्जे में हेमंत सोरेन की कोई सीधी भूमिका है. यह भी साबित नहीं होता कि इसकी आड़ में सोरेन ने कोई ‘अपराध’ किया है. ED ने हाईकोर्ट के इस आदेश को चुनौती देते हुए हेमंत सोरेन की जमानत रद्द करने की मांग की है.

सोरेन पर जमीन घोटाले का आरोप

ED ने सोरेन पर 8.42 एकड़ के एक जमीन घोटाले का आरोप लगाया है. ED के मुताबिक ये जमीन खरीदी और बेची नहीं जा सकती थी, बावजूद इसके हेमंत सोरेन ने इस पर अवैध कब्जा किया. इस मामले में सोरेन का बयान दर्ज करने के लिए ED ने 8 अगस्त 2023 से 16 जनवरी 2024 तक 8 समन भेज डाले लेकिन सोरेन ED के सामने पेश नहीं हुए. हालांकि 8 समन के बाद 20 जनवरी को ED ने हेमंत सोरेन का बयान दर्ज किया, जांच एजेंसी ने इसके बाद 23 जनवरी को एक बार फिर सोरेन को समन भेजा. इसके बाद सोरेन के दिल्ली आवास पर ED ने छानबीन की और आखिरकार 31 जनवरी को लंबी पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया था.

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