UPSC विभिन्न पदों के लिए सिविल सेवा परीक्षा को आयोजित करता है। जिसकी अकादमिक अर्हता स्नातक (Graduation) रखी गई है, जिसमे विषय की बाध्यता/प्रतिबन्ध नहीं है। यानी इस परीक्षा में हर विषय के स्नातक उत्तीर्ण अभ्यर्थी शामिल हो सकते हैं। ऐसी धारणा है कि मानविकी विषयों के छात्रों के लिए ये परीक्षा ज्यादा सहज है। यद्यपि गैरमानविकी विषयों से तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों की इस परीक्षा में सफलता दर भी कम नहीं है। संस्कृति IAS Coaching जो दिल्ली का एक प्रमुख UPSC कोचिंग संसथान है ने हमारे पत्रकारों को बताया है की क्यों मानविकी इतना प्रसिद्द है और क्यों दूसरे विषयों पर कम ध्यान दिया जा रहा है।

UPSC में मानविकी विषयों की भूमिका – Sanskriti IAS Coaching
• मानविकी विषय में इतिहास, भूगोल, राजनीति विज्ञान, समाजशास्त्र, मनोविज्ञान आदि विषय शामिल हैं।
• इन विषयों में मुख्य रूप से विश्लेषणात्मक, आलोचनात्मक या तार्किक विधियों का इस्तेमाल कर मानवीय स्थितियों का अध्ययन किया जाता है। सिविल सेवा परीक्षा में भी इन्ही आधारों पर प्रश्न पूछने की प्रवृत्ति है।
• इन विषयों का फायदा UPSC के प्रत्येक चरण (प्रारंभिक परीक्षा, सामान्य अध्ययन, वैकल्पिक विषय, निबंध एवं साक्षात्कार) में देखने को मिलता है।
• UPSC के पाठ्यक्रम में इन विषयों के अंश शामिल हैं। जैसे- इतिहास, भूगोल, राजनीति विज्ञान, समाजशास्त्र आदि। अकादमिक अध्ययन में पढ़ा हुआ यहाँ काम आ जाता है।
• चयनित होकर अंततः समाज के लिए कार्य करना है। इसलिए मानवीय स्थितियों का ज्ञान की उपयोगिता बनी रहती है, आदि।
UPSC में गैर-मानविकी विषयों की भूमिका
• भले ही मानविकी विषय पाठ्यक्रम के लिहाज से सुसंगत हैं। लेकिन गैर-मानविकी विषय के भी अपने फायदे हैं।
• यदि अभ्यर्थी साइंस बैकग्राउंड से है तो उसके अपने लाभ हैं। जैसे- इन अभ्यर्थियों को CSAT के प्रश्नों को हल करने में सहजता हो सकती है।
• माना जाता है साइंस बैकग्राउंड के अभ्यर्थियों में लर्निंग कैपेसिटी/कैप्चर पॉवर तुलनात्मक रूप से ज्यादा विकसित हो जाता है।
• संबंधित विषय संभवतः किसी न किसी रूप में पाठ्यक्रम से जुड़ता है।
• यदि वह गैर-मानविकी विषय UPSC की वैकल्पिक विषय सूची में है तो इसका विशेष लाभ अभ्यर्थी को मिलता है।
• अभ्यर्थी गैर-मानविकी विषय के साथ UPSC के पाठ्यक्रम को पढ़ने के क्रम में मानविकी विषय में भी समझ अच्छी हो जाती है।
UPSC का वर्तमान स्वरुप
• UPSC सिविल सेवा परीक्षा का पाठ्यक्रम वर्णित है, जिसे प्रतियोगी परीक्षाओं के दृष्टिगत निर्मित किया गया है।
• इस पाठ्यक्रम में मानविकी एवं गैर-मानविकी विषयों के अंश देखे जा सकते हैं।
• यद्यपि UPSC के पाठ्यक्रम में मानविकी विषय की भागीदारी अधिक है लेकिन अकादमिक एवं प्रतियोगी परीक्षाओं के एप्रोच में भिन्नता होने के कारण यह मानविकी एवं गैर मानविकी पृष्ठभूमि में बहुत अंतर पैदा नहीं करता है।
• यदि अंतिम चयन सूची में देखें तो गैर-मानविकी पृष्ठभूमि के अभ्यर्थियों की संख्या अधिक प्रतीत होती है। इससे स्पष्ट है कि मानविकी पृष्ठभूमि वाले अभ्यर्थियों को भी Competitive Approach के साथ पढ़ाई करनी होगी।
संस्कृति IAS ने अपने कक्षा कार्यक्रमों को UPSC सिविल सेवा परीक्षा के स्वरुप एवं पाठ्यक्रम के आधार पर तैयार किया गया है। इस कार्यक्रम में शामिल होने पर इस बात का कोई फर्क नहीं पड़ता कि अभ्यर्थी मानविकी पृष्ठभूमि से है या गैर-मानविकी। यहाँ अध्ययन करने वाला प्रत्येक अभ्यर्थी समान रूप से लाभान्वित होता है। UPSC से संसबंधित जानकारी के लिए आप संस्कृति IAS coaching सेंटर की वेबसाइट sanskritiias.com भी देख सकते हैं। और समर्पित मार्गदर्शन के लिए आप संस्कृति IAS कोचिंग सेंटर भी विजिट कर सकते हैं।
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