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गुजरात सूरत : मुश्किल में सूरत के भाजपा सांसद की निर्विरोध जीत, गुजरात हाईकोर्ट ने जारी किया समन।

रिपोर्ट / नाज आलम ( सोर्स एक्स प्लेटफ़ॉर्म ) 

 

कांग्रेस उम्मीदवार नीलेश कुंभानी का नामांकन खारिज होने और अन्य उम्मीदवारों के दौड़ से हटने के बाद दलाल सूरत चुनाव में इकलौते उम्मीदवार बचे थे, जिसके चलते उन्हें विजेता घोषित कर दिया गया।

 

 

गुजरात सूरत : गुजरात हाई कोर्ट ने सूरत लोकसभा क्षेत्र से भाजपा सांसद मुकेश दलाल को समन जारी किया है, जो कि उनकी निर्विरोध जीत को चुनौती देने संबंधी दो याचिकाओं को लेकर दिया गया है। याचिकाकर्ताओं के वकील पीएस चंपानेरी ने रविवार को बताया कि जस्टिस जेसी दोषी की अदालत ने दलाल को समन जारी कर नौ अगस्त तक जवाब देने का निर्देश दिया है। इस मामले में 25 जुलाई को सुनवाई हुई थी।

याचिकाकर्ताओं ने कुंभानी का नामांकन खारिज करने संबंधी सूरत के जिलाधिकारी और निर्वाचन अधिकारी के फैसले की वैधता को चुनौती दी है।

सूरत संसदीय क्षेत्र के चार मतदाताओं जो कि कांग्रेस के सदस्य भी है, द्वारा दायर की गई दो याचिकाओं में नामांकन प्रपत्रों की जांच से संबंधित जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 36 के प्रावधानों के तहत कुंभानी का पर्चा खारिज करने के निर्वाचन अधिकारी के फैसले पर सवाल उठाया गया है।

याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि कुंभानी के तीन प्रस्तावकों, जिन्होंने बाद में उनके नामांकन पत्रों पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया था, ने इससे पहले डिप्टी कलेक्टर के सामने एक आवेदन में घोषणा की थी कि वे उनके नामांकन पत्र पर प्रस्तावक के रूप में हस्ताक्षर करेंगे।

इसके अलावा याचिका में कहा गया है कि हस्ताक्षरों का सत्यापन करना कलेक्टर का काम नहीं है, उन्होंने जोर देकर कहा कि एक राष्ट्रीय पार्टी होने के नाते कांग्रेस के पास अपने उम्मीदवारों के लिए प्रस्तावकों की कोई कमी नहीं है।

दरअसल कांग्रेस उम्मीदवार रहे कुंभानी का नामांकन फॉर्म उनके प्रस्तावकों के हस्ताक्षरों में विसंगतियों के आधार पर खारिज कर दिया गया था। जिन्होंने हलफनामा दायर करते हुए कहा था कि नामांकन फॉर्म में उनके हस्ताक्षर नहीं हैं। उनके डमी उम्मीदवार सुरेश पडसाला का नामांकन भी इसी कारण से अमान्य घोषित कर दिया गया था।

बता दें कि कांग्रेस उम्मीदवार नीलेश कुंभानी का नामांकन खारिज होने और अन्य उम्मीदवारों के दौड़ से हटने के बाद दलाल सूरत चुनाव में इकलौते उम्मीदवार बचे थे, जिसके बाद 22 अप्रैल को नामांकन पत्र वापस लेने की आखिरी तारीख पर दलाल को विजेता घोषित कर दिया गया था। जिला कलेक्टर और चुनाव अधिकारी सौरभ पारधी ने नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख को दलाल को निर्वाचन का प्रमाण पत्र सौंपा था।

दलाल पिछले 12 वर्षों में निर्विरोध लोकसभा चुनाव जीतने वाले पहले उम्मीदवार बने थे। हाल में संपन्न आम चुनाव में भाजपा की यह पहली जीत थी, जिसके परिणाम चार जून को घोषित किए गए थे। गुजरात की शेष 25 लोकसभा सीट पर आम चुनाव के तीसरे चरण में सात मई को मतदान हुआ था। सूरत समेत राज्य की 25 सीट पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी जबकि कांग्रेस को एक सीट मिली थी।

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