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Hapur:अचानक कार्डियक अरेस्ट से हो रही मौतें, इस खतरे को टाला जा सकता है, जानिए एक्सपर्ट की राय

हापुड़ : सा ओल (SAAOL) हार्ट सेंटर के डायरेक्टर डॉक्टर बिमल छाजेर ने कार्डियक अरेस्ट से जुड़ी समस्याओं और इससे बचाव के अहम पहलुओं पर जानकारी दी. अचानक कार्डियक अरेस्ट से हुई मौतों का देरी से पता चलता है. ऐसे में जरूरी है कि इस जानलेवा बीमारी के बारे में लोगों को अवेयर किया जाए. बहुत सारे मामले ऐसे सामने आते हैं जिनमें अचानक बिना किसी लक्षण के ही किसी की जान चली जाती है. लेकिन इस तरह के मामलों को न्यूज़ में वैसे रिपोर्ट नहीं किया जाता है जैसे कि किसी हादसे और आपदा के बारे में लोगों को बताया जाता है. जबकि कार्डियक अरेस्ट डेथ पर लोगों को ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है.

एक्सीडेंट किसी भी पल हो सकते हैं लेकिन अचानक होने वाली कार्डियक डेथ दरअसल दिल से जुड़ी परेशानियों के बाद आता है. अचानक कार्डियक अरेस्ट (एससीए) का सबसे बड़ा कारण हार्ट डिजीज होता है, खासकर हार्ट की आर्टरी का ब्लॉक हो जाना. आश्चर्यजनक रूप से, लगभग 95% एडल्ट जिनकी अचानक कार्डियक डेथ होती है उनमें ये ब्लॉकेज पाए जाते हैं. जब ये ब्लॉकेज हार्ट में ब्लड के प्रवाह को रोकती हैं, तो दिल का दौरा पड़ सकता है और अंततः अचानक कार्डियक डेथ होने का खतरा रहता है.

इसके अलावा कुछ अन्य कारण भी हैं जिनसे सडन कार्डियक डेथ होने की आशंका रहती है. दुर्घटनाएं, ज्यादा फिजिकल एक्सरसाइज, शराब का अधिक सेवन, ड्रग्स का ओवरडोज भी कार्डिएक अरेस्ट के खतरे को बढ़ाता है. हालांकि, महत्वपूर्ण बात ये है कि ज्यादातर केस हार्ट डिजीज से जुड़े होते हैं.

शरीर के महत्वपूर्ण अंगों में ब्लड सप्लाई करने में हार्ट आर्टरी का बेहद अहम रोल होता है. इनमें से बाईं आर्टरी अकेले ही दिल को करीब 70 फीसदी ब्लड सप्लाई करती है. इस आर्टरी में ब्लॉकेज से गंभीर हार्ट अटैक हो सकता है जो अचानक कार्डियक डेथ का रूप ले सकता है.

इन हालातों से बचाव के लिए सावधानियां बरतनी जरूरी हैं. खासकर, जिन लोगों की हार्ट डिजीज की हिस्ट्री रही हो या जिनकी फैमिली हिस्ट्री हार्ट डिजीज की रही हो. इसके अलावा जिन लोगों को कोलेस्ट्रॉल, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, स्मोकिंग, मोटापा जैसी परेशानियां हों, उनके लिए भी सावधानियां बरतना काफी जरूरी है. इसके लिए रेगुलर चेकअप कराए जाएं, जिनमें कोरोनरी एंजियोग्राफी काफी अहम है. इससे ब्लॉकेज का पता चल जाता है और फिर समय पर इलाज कराया जा सकता है. 

अचानक कार्डिएक डेथ एक बहुत ही गंभीर चिंता है जिस पर ध्यान देने की जरूरत है. रिस्क फैक्टर्स को समझते हुए रेगुलर चेकअप समय पर कराए जाएं ताकि इस तरह की किसी अनहोनी से खुद को बचाया जा सके. हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो करें, रेगुलर एक्सरसाइज करें, इससे रिस्क फैक्टर्स को कम करने में मदद मिलेगी और सडन कार्डिएक अरेस्ट के खतरे को कम किया जा सकेगा.

डॉक्टर बिमल ने कहा कि एक हार्ट स्पेशलिस्ट के तौर पर मैं हार्ट से जुड़ी जानकारियां मुहैया कराता हूं और अपने हार्ट सेंटर पर नॉन इनवेसिव ट्रीटमेंट को बढ़ावा देता हूं. हमारा मकसद लोगों को इस खतरे के बारे में अवेयर करना और उन्हें हिम्मत देना है ताकि वो स्वस्थ लाइफस्टाइल अपना सकें और कार्डियक की समस्याओं से खुद को बचा सकें. मैं लोगों से अपील करता हूं कि अचानक कार्डियक डेथ के बारे में दूसरों को बताएं और जीवन बचाने में उनकी मदद करें. याद रखें, नॉलेज ही पावर है और हम मिलकर इस साइलेंट खतरे को हरा सकते हैं और अपना भविष्य सुरक्षित बना सकते हैं.

हापुड़ से स्टार भारत न्यूज़ 24 की रिपोर्ट।

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