यूपी के देवरिया में राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय के 272 छात्रों में से जिन 90 छात्रों की तबीयत सोमवार को अचानक बिगड़ गई थी उन्हें दिन में बना छोला रात को खिलाया गया था। बच्चों को अचानक पेट दर्द, उल्टी, चक्कर और बुखार की शिकायत हुई। इसके बाद भी प्रधानाचार्य और शिक्षक ने ध्यान नहीं दिया। बच्चों की हालत ज्यादा बिगड़ने लगी तो स्वास्थ्य विभाग को सूचना दी गई। तब सीएमओ ने मेडिकल टीम भेजी और बीमार बच्चों को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। डीएम दिव्या मित्तल ने मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी को घटना की जांच के निर्देश दिए हैं। मंगलवार को डीएम मेडिकल कॉलेज पहुंचीं जहां 59 बच्चों का अब भी इलाज चल रहा है।
डीएम ने ड्यूटी पर तैनात चिकित्सकों से बच्चों के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। बाद में मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए बताया कि सभी बच्चों की सेहत में लगातार सुधार हो रहा है। घबड़ाने की कोई बात नहीं है। सभी बच्चों के ब्लड की भी जांच कराई जा रही है। पं. दीन दयाल उपाध्याय राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय मेहरौना में कुल 326 छात्र नामांकित हैं। यहां कक्षा 6 से 12 तक की पढ़ाई होती है। रविवार की रात कुल 272 छात्रों ने भोजन किया था। सोमवार की सुबह ब्रेकफास्ट के बाद कई बच्चे उल्टी-दस्त करने लगे। कुछ ने बुखार, चक्कर आने और पेट दर्द की शिकायत की। एक साथ दर्जनों बच्चों की तबीयत खराब होने से स्कूल में हड़कंप मच गया। प्रधानाचार्य सूर्यकांत राय ने इसकी जानकारी जिला समाज कल्याण अधिकारी जैसवार लाल बहादुर को दी। समाज कल्याण अधिकारी ने मामले से सीएमओ को अवगत कराया। जानकारी मिलते ही सीएमओ के निर्देश पर स्कूल में स्वास्थ्य विभाग की टीम भेजी गई। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने आनन-फानन में स्कूल को ही अस्थाई अस्पताल बनाकर बच्चों का इलाज शुरू किया लेकिन काफी अधिक छात्रों की तबीयत गंभीर होने लगी। इसके बाद 10 एंबुलेंस लगाकर आनन-फानन में बच्चों को मेडिकल कॉलेज भेजा जाने लगा। यहां डेंगू वार्ड को अस्थाई चिल्ड्रेन वार्ड में बदल कर बच्चों को भर्ती किया गया।
डीएम दिव्या मित्तल ने एसपी संकल्प शर्मा के साथ अस्पताल पहुंच कर बच्चों की तबीयत के बारे में जानकारी ली। इसके बाद वे आश्रम पद्धति विद्यालय पर पहुंची। यहां हालात का जायजा लेने के बाद उन्होंने गंभीर रूप से बीमार अन्य बच्चों को भी मेडिकल कॉलेज भेजने का निर्देश दिया। इसके बाद देर शाम तक कुल 59 बच्चों को मेडिकल कॉलेज पहुंचाया गया जबकि करीब 50 का स्कूल में ही चिकित्सकों की टीम इलाज किया गया। मेडिकल कॉलेज में पहुंचे 5 बच्चों की स्थिति गंभीर होने पर उन्हें पीआईसीयू में भर्ती किया गया है जबकि अन्य का इलाज डेंगू वार्ड में चल रहा है। बच्चों की अधिक संख्या को देखते हुए डेंगू वार्ड को चिल्ड्रन वार्ड में तब्दील कर दिया गया है।