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नई दिल्ली : झांकी को लेकर भगवंत मान ने कहा हमें NOC नहीं चाहिए।

रिपोर्ट नाज आलम 

 

नई दिल्ली : गणतंत्र दिवस परेड में पंजाब की झांकी शामिल न करने को लेकर मचे बवाल के बीच रक्षा मंत्रालय ने अपना पक्ष रखा है। रक्षा मंत्रालय ने रविवार को स्पष्ट किया कि पंजाब, पश्चिम बंगाल और दिल्ली की झांकियों को गणतंत्र दिवस परेड में इसलिए शामिल नहीं किया गया क्योंकि वे इस साल की झांकी के व्यापक विषयों के साथ मेल नहीं खाती थीं। विशेषज्ञ समिति की बैठक के पहले तीन दौर में पंजाब की झांकी के प्रस्ताव पर विचार किया गया था। तीसरे दौर की बैठक के बाद इस वर्ष की झांकी के व्यापक विषयों के अनुरूप नहीं होने के कारण झांकी को समिति द्वारा आगे विचार के लिए आगे नहीं बढ़ाया जा सका।

वहीं, रक्षा मंत्रालय के बयान के बाद पंजाब के सीएम भगवंत मान भी मैदान में उतर गए हैं। सीएम ने कहा है कि हम अपने शहीद भगत सिंह, सुखदेव सिंह, लाला लाजपतराय, उधम सिंह माई भागो, करतार सिंह सराभा, गदरी बाबे व महाराजा रणजीत सिंह की कुर्बानियों का सम्मान करना जानते हैं। हमें इस मामले में भाजपा की एनओसी की जरूरत नहीं है। हम रिजेक्ट कैटेगरी में भी झांकी नहीं भेजेंगे। यह सभी हमारे हीरो है। इन सबका मान सम्मान करना हम जानते हैं। साथ ही उन्होंने रक्षा मंत्रालय के उस पत्र की प्रति भी सोशल मीडिया पर जारी की है, जो कि रक्षा मंत्रालय की तरफ से पंजाब सरकार को भेजी गई है।

पंजाब की झांकियों को 8 वर्षों में 6 बार गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल किया गया है। वहीं, बंगाल की झांकियों को 5 बार शामिल किया गया है। मंत्रालय ने कहा कि ये एक प्रक्रिया के अनुसार ही होता है। भेदभाव के आरोपों को मंत्रालय ने सिरे से नकार दिया। रक्षा मंत्रालय ने ट्वीट कर स्थिति स्पष्ट की है।

15-16 को राज्यों को ही झांकी के लिए चुना जायेगा
पंजाब और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्रियों की प्रतिक्रियाओं का हवाला देते हुए मीडिया रिपोर्टों पर प्रतिक्रिया करते हुए रक्षा मंत्रालय ने कहा कि गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेने के लिए झांकियों के चयन के लिए एक स्थापित प्रणाली है, इसके अनुसार रक्षा मंत्रालय सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों, केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों की झांकी का प्रस्ताव आमंत्रित करता है। प्राप्त प्रस्तावों का मूल्यांकन झांकी के चयन के लिए विशेषज्ञ समिति की बैठकों में किया जाता है। गणतंत्र दिवस परेड के लिए पंजाब और पश्चिम बंगाल सहित 30 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने इसमें भाग लेने की इच्छा जताई थी। इन 30 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में से हर साल की तरह केवल 15-16 को गणतंत्र दिवस परेड में अपनी झांकी प्रस्तुत करने के लिए अंतिम रूप से चुना जाएगा।

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विशेषज्ञ समिति की बैठक के पहले दो दौर में पश्चिम बंगाल की झांकी के प्रस्ताव पर विचार किया गया था। दूसरे दौर की बैठक के बाद इस वर्ष की झांकी के व्यापक विषयों के अनुरूप नहीं होने के कारण झांकी को विचार के लिए आगे नहीं बढ़ाया जा सका। बंगाल की झांकियों को 5 बार शामिल किया गया है।

पंजाब में गर्म है सियासत
26 जनवरी की परेड में पंजाब की झांकी को इजाजत नहीं मिलने पर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधा था। सीएम मान ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि 26 जनवरी की परेड में बीजेपी शासित प्रदेशों को ज्यादा तरजीह दी गई है। परेड का भगवाकरण किया गया है।

दिल्ली को भी परेड में झांकी निकालने की इजाजत नहीं मिली। उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है। पंजाब की झांकी रद्द करने के पीछे की वजह भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ सीएम भगवंत मान और अरविंद केजरीवाल की फोटो को बताया था। उन्होंने कहा था कि दोनों नेताओं की फोटो झांकी में लगी थी। यही वजह है कि केंद्र ने इसे रद्द किया है। सीएम भगवंत मान ने सुनील जाखड़ पर निशाना साधा और बड़ी चुनौती भी दी है। सीएम मान ने कहा कि अगर जाखड़ मेरी और केजरीवाल की फोटो झांकी में लगी दिखा दें तो राजनीति से संन्यास ले लूंगा।

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